इंसान की कीमत :- 01
एक बार लोहे की दुकान में अपने पिता के साथ काम कर रहे एक बालक ने अचानक ही अपने पिता से पुछा – “पिताजी इस दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत होती है?”
पिताजी एक छोटे से बच्चे से ऐसा गंभीर सवाल सुन कर हैरान रह गये।
फिर वे बोले-“बेटे एक मनुष्य की कीमत आंकना बहुत मुश्किल है, वो तो अनमोल है।”
बालक – क्या सभी उतने ही कीमती और महत्त्वपूर्ण हैं ?
पिताजी – हाँ बेटे।
बालक के कुछ पल्ले पड़ा नहीं, उसने फिर सवाल किया – तो फिर इस दुनिया मे कोई गरीब तो कोई अमीर क्यो है? किसी की कम इज्जत तो किसी की ज्यादा क्यो होती है?
सवाल सुनकर पिताजी कुछ देर तक शांत रहे और फिर बालक से स्टोर रूम में पड़ा एक लोहे का रॉड लाने को कहा।
रॉड लाते ही पिताजी ने पुछा – इसकी क्या कीमत होगी?
बालक – लगभग 300 रूपये।
पिताजी – अगर मै इसके बहुत से छोटे-छोटे कील बना दू, तो इसकी कीमत क्या हो जायेगी ?
बालक कुछ देर सोच कर बोला – तब तो ये और महंगा बिकेगा लगभग 1000 रूपये का।
पिताजी – अगर मै इस लोहे से घड़ी के बहुत सारे स्प्रिंग बना दूँ तो?
बालक कुछ देर सोचता रहा और फिर एकदम से उत्साहित होकर बोला ” तब तो इसकी कीमत बहुत ज्यादा हो जायेगी।”
पिताजी उसे समझाते हुए बोले – “ठीक इसी तरह मनुष्य की कीमत इसमे नही है की अभी वो क्या है, बल्कि इसमे है कि वो अपने आप को क्या बना सकता है।”
बालक अपने पिता की बात समझ चुका था।
इन्शान की कीमत :- 02
कुछ दिनों पहले जब कंधमाल में दंगे हुए जिनमें कुछ हिन्दू दलों ने ईसाई गिरजाघरों, घरों और लोगों पर हमले किए तो इटली में समाचार-पत्रों और टीवी चैनलों पर इस विषय पर काफी चर्चा हुई, जो आज तक पूरी नहीं रुकी है। उड़ीसा से हिंसा की घटनाओं के समाचार रुके नहीं हैं और इटली की सरकार ने यह मामला योरपियन यूनियन की संसद में भी उठाया तथा भारतीय राजदूत को बुलाकर भी इस बारे में कहा गया।
कुछ दिनों के बाद भारत में बिहार में बाढ़ आई। कई लाख व्यक्ति बेघर हुए। कई सौ जानें गईं, पर इटली के समाचार-पत्रों और टीवी चैनलों पर इस समाचार को न के बराबर दिखाया गया, इस पर किसी तरह की बहस नहीं हुई। इटली के गूगल से उड़ीसा में हो रहे दंगों पर खोज कीजिए तो 25 हजार से अधिक इतालवी भाषा के पन्ने दिखते हैं, जबकि बिहार की बाढ़ पर खोज करिए तो पाँच सौ पन्ने मिलते हैं।
हालाँकि बिहार में भी मरने वालों में सभी धर्मों के लोग होंगे, बाढ़ों और तथाकथित प्राकृतिक दुर्घटनाओं में गरीब लोग ही कीमत चुकाते हैं चाहे उनका कोई भी धर्म हो, पर अगर सब धर्मों के लोग मर रहे हों तो शायद बढ़िया समाचार नहीं बनता। जब धर्मों में लड़ाई हो तब अच्छा समाचार बनता है।
Great things in business are never done by one person. They’re done by a team of people. Steve Jobs